हरियाणा की हालत जाट आरक्षण आंदोलन जैसी हुई, हाईवे पर किसानों ने किया कब्जा, पुलिस ने फिर संभाला मोर्चा

चंडीगढ़। हरियाणा में एक बार फिर कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती उत्पन्न हो गई है। राज्य में जाट आरक्षण आंदोलन जैसे आंदोलन हालात फिर से बन रहे हैं। प्रांत के कई नगरों में किसानों ने हाईवे पर कब्जा कर लिया। पुलिस कर्मियों ने भी दूरी बनाकर मोर्चा संभाल लिया है।

Haryana’s condition similar to Jat reservation agitation, farmers jam highways, police again took over

Chandigarh The challenge to law and order has once again arisen in Haryana. Movements like the Jat reservation movement in the state are re-forming the situation. In many cities of the province, farmers took the highway. Police personnel have also maintained a distance by building a distance.

कृषि अध्यादेशों पर भाजपा किसानों में ठीक से नहीं पहुंच पाई।

किसानों को इन अध्यादेशों पर विश्वास में लेने के भाजपा के प्रयासों से पहले ही हरियाणा में विपक्ष यानि कांग्रेस और इनेलो ने मुद्दा हाईजैक कर लिया है।

पिपली में पुलिस पर किसानों को लठियाए जाने के आरोप लगे।

पिपली घटना के बाद विपक्ष के एजेंडे को सत्तारूढ़ भाजपा के विरुद्ध जबरदस्त खाद-पानी मिल गया।

भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ ने इसे कांग्रेस का षडयंत्र करार दिया है, तो परिवन मंत्री मूलचंद शर्मा ने रविवार को ही इसे किसानों के बजाय कांग्रेस का आंदोलन बताया है।

अन्यान्य कारणों से किसान नेताओं की मुलाकात केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों से नहीं हो पाई।

अब किसानों ने हरियाणा में मोर्चाबंदी शुरू कर दी है।

आंदोलन का पैटर्न

रविवार को जो तस्वीरें और समाचार सामने आए हैं, वह विपक्ष की ओर से किसी बड़े आंदोलन का संकेत कर रहे हैं।

राज्य के कई हाईवे पर किसान समूह में एकत्रित होकर धरने पर बैठ गए हैं।

हाईवे पर यातायात अवरुद्ध हो गया है और जाम लग गया है।

किसानों के आंदोलन का पैटर्न बिल्कुल जाट आरक्षण आंदोलन जैसा दिख रहा है, जो 2016 में हुआ था और खट्टर सरकार तब आई-आई ही थी।

यह आंदोलन 30 युवाओं की जानें लेकर और 30 हजार करोड़ के संपत्ति नुकसान के साथ हुआ था।

किसानों की ओर से हाईवे पर जाम लगाकर अल्टीमेटम दिया गया है कि या तो अध्यादेश वापस हों या फिर हाईवे पर उनका आंदोलन जारी रहेगा।

इन जगहों पर हाईवे जाम

रोहतक जिले के महम में निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू के नेतृत्व में किसानों ने जाम लगा दिया है।

कुरुक्षेत्र में भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने मोर्चा संभाला हुआ है और हाईवे जाम कर दिया गया है।

सिरसा के पंजुआना और जींद के अलेवा में किसानों ने हाईवे जाम किया हुआ है।

हिसार के मैयड़ टोल प्लाजा के निकट किसानों का हाईवे के बीच धरना शुरू हो गया है।

पंचकूला में पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन हाईवे पर किसानों का नेतृत्व कर रहे हैं।

अंबाला में दिल्ली चंडीगढ़ हाईवे पर कब्जा जमाया हुआ है।

जाम की मिकदार

हाईवे पर किसान धरना देकर बैठे हुए हैं।

धरना स्थलों पर किसान कृषि अध्यादेशों को वापस लिए जाने के समर्थन में केंद्र और हरियाणा सरकार के विरुद्ध नारेबाजी कर रहे हैं।

हालांकि किसान नेता अपील कर रहे हैं कि किसी वाहन या उसके चालक को परेशान न किया जाए। एंबुलेंस आदि आपातकालीन वाहनों की आवाजाही प्रभावित न हो।

किसान नेताओं का प्रयास है कि आंदोलन शांतिपूर्ण चले, ताकि वह लंबा खिंच सके और सरकार पर दबाव बना सके।

धरना के कारण हाईवे पर जाम लग रहे हैं।

यातायात अवरुद्ध हो रहा है।

बहरी वाहनों को पुलिस द्वारा वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट किया जा रहा है।

लंबी दूरी के लोडेड वाहन के चालक सुरक्षित ठिकानों पर जाम खुलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

पुलिस की मोर्चाबंदी

हाईवे जाम के कारण पुलिस अलर्ट पर है।

पुलिस बल किसानों के धरनास्थल पर दूरी बनाकर मोर्चा लगाए हुए है।

पुलिस कर्मी किसी भी अप्रिय स्थिति से निबटने के साजो-सामान से लैस हैं।

राज्यसभा में कृषि संबंधी दो विधेयक पारित

उधर, दिल्ली से खबर है कि राज्यसभा से विपक्ष के भारी हंगामे और नारेबाजी के बीच कृषि संबंधी दो विधेयक पास हो गए हैं।

इन विधेयकों को ध्वनि मत से पारित किया गया है।

उच्च सदन में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विधेयक के पक्ष में जवाब दिया।

इस दौरान असंतुष्ट विपक्षी सांसदों ने जोरदार हंगामा किया।

वहीं विधेयक पास होने पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने खुशी जताई है।

 

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